माँ के 51 शक्तिपीठ, जानिए कहाँ है,पुराणों के अनुसार, जहां भी देवी सती के अंग गिरे, वस्त्र और आभूषण गिरे, वहां माता का शक्तिपीठ बन गया

 हिंदू धर्म में पुराणों का विशेष महत्व है। इन पुराणों में माँ की शक्ति का भी वर्णन है। अब नवरात्रों से शुरुआत करते हैं पुराणों के अनुसार, जहां भी देवी सती के अंग गिरे, वस्त्र और आभूषण गिरे, वहां माता का शक्तिपीठ बन गया। ये शक्तिपीठ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में फैले हुए हैं।  देवी पुराण में 51 शक्तिपीठों का उल्लेख है:-


1. हिंगलाज शक्तिपीठ


हिंगलाज शक्तिपीठ कराची से 125 किमी उत्तर पूर्व में स्थित है। पुराणों के अनुसार, माता का सिर यहां गिरा था। इसमें शक्ति-कोटि (भैरवी कोतविशा) है।

2.शर्कररे (करवीर)




शकरारे शक्तिपीठ पाकिस्तान के कराची में सुक्कर स्टेशन के पास स्थित है। माँ की नज़र यहाँ पड़ी।


3. सु्गंधा-सुनंदा


सोंध नदी बांग्लादेश के शिकारपुर में बरिसल से लगभग 20 किमी दूर है। मां सुगंधा शक्तिपीठ इसी नदी के पास स्थित है। कहा जाता है कि मां की नाक यहां गिरी थी।


4. कश्मीर-महामाया




भारत के कश्मीर में पहलगांव के पास माँ का गला गिर गया। यहीं पर महामाया शक्तिपीठ बन गया।


5. ज्वालामुखी  सिद्धिदा


भारत के हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में मातृभाषा गिर गई। इसे ज्वालाजी स्थान कहा जाता है।


6. जालंधर-त्रिपुरमालिनी


देवी तालाब जालंधर, पंजाब में कैंटोनमेंट स्टेशन के पास है। मां का बायां स्तन यहां गिरा था।


7. वैद्यनाथ - जयदुर्गा


वैद्यनाथधाम धाम झारखंड के देवघर में बना है। माँ का दिल यहाँ गिर गया।


8. नेपाल - महामाया


गुजेश्वरी मंदिर नेपाल में पशुपतिनाथ मंदिर के पास स्थित है। उसकी माँ के दोनों घुटने यहाँ गिर गए।


9. मानस- दाक्षायणी



तिब्बत में कैलाश मानसरोवर के मनसा के पास एक पत्थर की चट्टान पर माता का दाहिना हाथ गिरा।


10. विरजा- विरजाक्षेतर


भारत में उड़ीसा के विराज में उत्कल के स्थान पर माता की नाभि गिरी थी।

11. गंडकी - गंडकी


नेपाल में गंडकी नदी के तट पर पोखरा नामक स्थान पर मुक्तिनाथ मंदिर स्थित है। यहाँ, माँ का माथा या तीर्थ गिरा था।

12. बाहुला-बाहुला (चंडिका)


भारत के पश्चिम बंगाल में वर्धमान जिले से 8 किलोमीटर दूर कटुआ केटाग्राम के पास अजेय नदी के तट पर बाहुल स्थान पर माँ का बायाँ हाथ गिरा।

13. उज्जयिनी- मांगल्य चंडिका


भारत के पश्चिम बंगाल के वर्धमान जिले के गुसकुर स्टेशन से 16 किमी दूर उज्जयिनी से माता की दाहिनी कलाई गिरी थी।


14. त्रिपुरा-त्रिपुर सुंदरी


भारत के त्रिपुरा राज्य में उदरपुर के पास राधकिशोरपुर गाँव के माताबाड़ी पर्वत शिखर पर माता का दाहिना पैर गिरा था।

15. चट्टल - भवानी


बांग्लादेश में चटगाँव (चटगाँव) जिले में सीताकुंड स्टेशन के पास चंद्रनाथ पर्वत शिखर पर छत्राल (चतल या चहल) पर माँ का दाहिना हाथ गिरा।

16. त्रिस्रोता - भ्रामरी



भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल में, जलपाईगुड़ी का बड़ा मंडल, माँ का बायाँ पैर सालबारी गाँव के त्रिस्रोत स्थान पर गिरा था।

17. कामागिरी - कामाख्या


भारत के असम राज्य में गुवाहाटी जिले के कामागिरी क्षेत्र में स्थित नीलांचल पर्वत के कामाख्या स्थान पर माँ की योनि गिराई गई थी।

18. प्रयाग - ललिता

भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के इलाहाबाद शहर (प्रयाग) के संगम तट पर माँ की उंगली गिरी।

19. युगाद्या- भूतधात्री

पश्चिम बंगाल के वर्धमान जिले के खिरग्राम में जुगाद्या (युगाद्या) स्थान पर माता का दाहिना पैर का अंगूठा गिरा था।

20. जयंती- जयंती


जुबली मंदिर, बांग्लादेश के सिल्हट जिले के जयंतिया परगना में भोरभोग के गाँव कालाजोर के खासी पर्वत पर स्थित है। माँ की बायीं जाँघ यहाँ गिरी थी।

21. कालीपीठ - कालिका


कोलकाता के कालीघाट में माता का बायां पैर का अंगूठा गिरा था।

22. किरीट - विमला (भुवनेशी)


पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में लालबाग कोर्ट रोड स्टेशन के किरीटकोन गाँव के पास माँ का मुकुट गिरा।

23. वाराणसी - विशालाक्षी


उत्तर प्रदेश के काशी में मणिकर्णिक घाट पर मां के कान का रत्न जड़ित कुंडल गिर गया।

24. कन्याश्रम - सर्वाणी


माता का पृष्ठ कन्याश्रम में गिरा दिया गया।

25. कुरुक्षेत्र - सावित्री


हरियाणा के कुरुक्षेत्र में माँ की एड़ी (खाड़ी) गिर गई।

26. मणिदेविक - गायत्री  

अजमेर के पास पुष्कर के मणिबन्ध स्थान के गायत्री पर्वत पर दो जनजातियाँ गिरीं।

27. श्रीशैल - महालक्ष्मी


बांग्लादेश के सिल्हट जिले के उत्तर-पूर्व में जैनपुर गाँव के पास शैल नामक स्थान पर माँ का गला (गर्भाशय ग्रीवा) गिरा था।

28. कांची- देवगर्भा  

पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के बोलपुर स्टेशन से उत्तर-पूर्व में स्थित कोपई नदी के किनारे कांची नामक स्थान पर माँ की हड्डी गिरी थी।

29. कालमाधव - देवी काली

मध्य प्रदेश के अमरकंटक के कालामाधव में शॉन नदी तट के पास माँ का बायाँ नितम्ब गिर गया, जहाँ एक गुफा है।

30. शोणदेश - नर्मदा (शोणाक्षी)

मध्यप्रदेश के अमरकंटक में माँ का दाहिना नितम्ब नर्मदा के उद्गम स्थल शोण्डीश स्थान पर गिरा।

31. रामगिरी - शिवानी


उत्तर प्रदेश में झांसी-मानिकपुर रेलवे स्टेशन चित्रकूट के पास रामगिरी स्थान पर माँ का दाहिना स्तन गिरा।

32. वृंदावन - उमा


उत्तर प्रदेश में मथुरा के पास वृंदावन के भूतेश्वर स्थान पर माता की चूड़ियाँ और चूड़ामणि गिरी थीं।

33. शुचि-नारायणी


तमिलनाडु में कन्याकुमारी-तिरुवनंतपुरम मार्ग पर शुचितीर्थम शिव मंदिर है। यहां मां का ऊपरी दंत (ऊर्ध्वाधर) गिर गया।

34. पंचसागर - वारही


पंचसागर (एक अज्ञात स्थान) में माँ के निचले दाँत गिरे थे।

35. करतोयातट - अपर्णा

माता की पायल (ताल) बांग्लादेश के शेरपुर बागुरा स्टेशन से 28 किलोमीटर दूर भवानीपुर गाँव के पास करातोया तट पर गिर गई।

36. श्रीपर्वत - श्रीसुंदरी


कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र में माँ का दाहिना पैर टखने के पहाड़ पर गिरा। दूसरी मान्यता के अनुसार, आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में श्रीशैलम स्थान पर दक्षिण की एड़ी यानी दायां पैर गिरा था।

37. विभाष - कपालिनी


पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले के पास तमलुक में माँ का बायाँ टखना विभाष स्थान पर गिरा।

38. प्रभास - चंद्रभागा


गुजरात के जूनागढ़ जिले में स्थित सोमनाथ मंदिर के पास वेरावल स्टेशन से 4 किलोमीटर दूर प्रभास क्षेत्र में माता का उदर (पेट) गिरा था।

39. भैरवपर्वत - अवंती


मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में शिप्रा नदी के किनारे भैरव पर्वत पर माता के होंठ गिरे थे।

40. जनस्थान - भ्रामरी


महाराष्ट्र के नासिक नगर में गोदावरी नदी घाटी में जनस्थान पर माता की ठोड़ी गिर गई।

41. सर्वशैल स्थान


आंध्र प्रदेश के राजमुंदरी क्षेत्र में गोदावरी नदी के तट पर, माता का बायाँ गंड (गाल) कोटलिंगेश्वर मंदिर के पास अंतिम स्थान पर गिरा।

42. गोदावरीतीर

इस स्थान पर माता की दक्षिण गाद गिरी थी।

43. रत्नावली - कुमारी

बंगाल के हुगली जिले में खानकुल-कृष्णानगर मार्ग पर रत्नावली में स्थित रत्नाकर नदी के तट पर माता का दाहिना पंख टूट गया।

44. मिथिला- उमा (महादेवी)


भारत-नेपाल सीमा पर जनकपुर रेलवे स्टेशन के पास मिथिला में माँ का बायाँ पंख टूट गया।

45.  नलहाटी - कालिका तारापीठ

पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले के नलहाटी स्टेशन के पास नलहाटी में माँ का पैर गिर गया था।

46. कर्णाट- जयदुर्गा


यहाँ माँ के दोनों कान कर्नाट (अज्ञात स्थान) में गिरे थे।

47. वक्रेश्वर - महिषमर्दिनी


पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले के दुबराजपुर स्टेशन से सात किमी दूर वरकेश्वर में पपर नदी के तट पर माता का माथा गिरा।

48. यशोर - यशोरेश्वरी


बांग्लादेश के खुलना जिले के ईश्वरपुर के यशोर में माँ के हाथ और पैर गिर गए।

49. अट्टाहास - फुल्लरा

माता के होंठ पश्चिम बंगला के लभपुर स्टेशन से दो किमी दूर अट्टाहस स्थान पर गिरे।

50. नंदीपुर - नंदिनी

पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले के सैंथिया रेलवे स्टेशन नंदीपुर की चारदीवारी में एक बरगद के पेड़ के पास माता का हार गिर गया।

51. लंका - इन्द्राक्षी


ऐसा माना जाता है कि माता की पायल श्रीलंका के त्रिंकोमाली में गिरी थी।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

छठ पर्व या छठ कार्तिक शुक्ल की षष्ठी को मनाया जाने वाला,लोक आस्थाका पर्व - छठ

ये लड़ाई यूरोप के सभी स्कूलो मेँ पढाई जाती है पर हमारे देश में इसे कोई जानता तक नहीं..

नाना साहेब पेशवा(nana saheb peshwa)